Sunday, February 12, 2012

ख्वाहिशें

ख्वाहिशें खाली दामन में सिमटती हैं
अकेले सपनो में सरगर्मी करती हैं
सिसकती हैं, परिणाम को तरसती हैं
ख्वाहिशें खाली दामन में सिमटी हैं |
सरकती हैं बाँधों के भीतर
अपरिभाषित संसार ढूँढती हैं |
अपरिमित आकाश के आँगन में
आकृति का आकर ढूँढती हैं |
संस्कृति का सर्वोत्तम सोपान को
सँजोने का स्वप्न उकेरती हैं
आगंतुक के आँगन में
प्रतीक्षारत द्वार खोलती हैं |
ख्वाहिशें खाली दामन में सिमटी हैं |

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