Tuesday, October 25, 2011

कुछ कह देते...


दो शब्द ही सही
कुछ कह देते |
श्रद्धा सुमन मैं समझ लेती
तुलसी दल सम ले लेती
मैं गंगाजल सा पी लेती
दो शब्द ही माही
कुछ कह देते ||
तुम निराकार भाव से खड़े रहे
सावन भादों ले आँखों में
मैं जलती, पल-पल मिटती रही
दो शब्द ही सही
कुछ कह देते ||
मुख फेरा तुमने निश्चय ही
कायर कह दूँ या बैरागी तुम
मैं मिटने से पहले अंतिम क्षण
भरपुर नज़रों से तकती थी
दो शब्द ही सही तुम लेकेन
कुछ कह देते….||

No comments:

Post a Comment